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गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ की अनूठी पहल

गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ की अनूठी पहल

कभी कृषि किसान और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले गौर्धन की दुर्दशा हर राज्य में हो रही है। उत्तर प्रदेश में गोधन को बचाने के लिए आश्रय सदन खोले गए हैं वहीं छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के माध्यम से एक ठोस पहल की गई हुई है। सरकार ₹2 प्रति किलोग्राम की दर से किसानों का गोबर खरीद रही है। इससे गांव धन पालने वाले गरीब किसान करो जान गोपालन की ओर होना तय है। इतना ही नहीं गौ संरक्षण की दिशा में है इस योजना के कई अहम दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। विदित हो की मशीनीकरण के चलते गौर्धन विशेषकर नर गोवंश हर राज्य में दुर्दशा का शिकार हो रहा है। पशु शक्ति का कृषि और वजन ढोने वाले कामों में प्रयोग बेहद कम होने के कारण नर पशु का उपयोग खेती में नहीं रहा है। यही वजह है छोटी जोत के किसान और गरीबों के लिए इनका भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य की गोधन न्याय योजना ग्रामीणों और पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है। राज्य में हरेली पर्व से शुरू हुई गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ग्रामीणों से दो रूपए प्रतिकिलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। ग्रामीण किसान पशुपालन को लेकर उत्साहित हैं तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण गोबर खरीदी केन्द्र में गोबर बेचने आ रहे हैं। गौठानों में स्थित गोबर खरीदी केन्द्र में गोबर बेचने के लिए सभी हितग्राहियों को गोबर क्रय पत्रक दिया गया है। क्रय पत्रक में गोबर खरीदी की मात्रा, राशि दर्ज की जा रही है। गोबर को दो रूपए प्रतिकिलो की दर से खरीद कर प्रत्येक 15 दिनों में भुगतान हितग्राही के बैंक खाते में सीधे ही किया जाएगा। कोरबा जिले में गोधन न्याय योजना शुरू होने के दो दिनों मे ही किसानों नेे लगभग 11 हजार किलो गोबर की बिक्री की है, जिससे 21 हजार रूपए से अधिक आय हुई है। जनपद कोरबा में सर्वाधिक गोबर की बिक्री हुई है। किसानों ने तीन हजार 975 किलोग्राम गोबर बेचकर सात हजार 950 रूपए की आवक प्राप्त की है। जनपद करतला मे किसानों से एक हजार 817 किलोग्राम गोबर खरीदी की गई जिससे तीन हजार 634 रूपए की आमदनी किसानों को हुई। जनपद कटघोरा के किसानों ने एक हजार 753 किलोग्राम गोबर बेचकर तीन हजार 306 रूपए कमाए। जनपद पाली के किसानों ने एक हजार 216 किलोग्राम गोबर बेची और दो हजार 433 रूपए का लाभ प्राप्त किए। इसी प्रकार जनपद पोड़ी-उपरोड़ा में कुल दो हजार 130 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गई जिससे किसानों को चार हजार 260 रूपए का लाभ मिला। इसी तरह उत्तर बस्तर कांकेर जिले के 197 गौठानों में किसानों और पशुपालकों ने 137 क्विंटल तथा नारायणपुर नगर पंचायत क्षेत्र के बखरूपारा और कुम्हार पारा स्थित एसएलआरएम सेंटर में गोधन न्याय योजना के शुभारंभ अवसर पर 3.57 क्विंटल गोबर की खरीदी दो रूपए किलो की दर पर की गई। जांजगीर-चांपा जिले के 216 गौठानों में 13 हजार 771 क्विंटल तथा दंतेवाड़ा जिले के 4 गौठानों में 8.68 क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिससे किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त लाभ होने लगा है। विकासखंड पाली के ग्राम रैनखुर्द की महिलाएं गोधन न्याय योजना से बहुत खुश नजर आ रही है। इस योजना को उन्होंने किसान हितैषी और ग्रामीणों की आय का अतिरिक्त जरिया बताया। ग्राम रैनखुर्द की श्रीमती नंदनी यादव ने बताया कि उनके पास सात मवेशी है, जिससे वह लगभग 35 किलो गोबर एक दिन में बेच रही है। श्रीमती यादव बताती है कि पहले गोबर को बिना उपयोगी समझकर फेंक देते थे अब गोबर के दो रूपए प्रतिकिलो पैसा मिलने से और अधिक संख्या में मवेशी रखने को प्रोत्साहित हो रही है। महिलाओं ने बताया कि पहले गोबर से खाद बनाने में तीन महीने लग जाते थे, जिससे गोबर खाद का उपयोग बेहतर तरीके से नहीं हो पाता था।

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अब गौठानों में गोबर बेचने से 45 दिनो में ही वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाएगी और किसान अपनी सुविधाजनक समय में इसका उपयोग कर सकेंगे। गोधन न्याय योजना से महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को भी आर्थिक लाभ होगा। जैैविक खाद के उपयोग से विषसहित खाद्यान्न का उत्पादन होगा। रसायनिक खाद के उपयोग में कमी आएगी। खेती की लागत कम होगी। खुले में मवेशी चराई पर रोक लगेगी। लोग अपने मवेशी को घर में ही रखेंगे। गोबर बेचने से होने वाली अतिरिक्त आय से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सरकार की अनूठी और सार्थक पहल

बुंदेलखंड में हजारों गायों को संरक्षण देने वाले एवं पूर्व में यमुना बचाओ आंदोलन की हुंकार दिल्ली दरबार तक पहुंचाने वाले बाबा जय कृष्ण दास कहते हैं कि सरकार ने बेहद सार्थक पहल की है। वह यह मांग तकरीबन एक दशक से करते चले आ रहे हैं। गौ संरक्षण पर काम करने वाले अनेक लोग हुई गाय के गोबर और गोमूत्र के उत्पाद बनाकर वह संरक्षण की वकालत करते रहे हैं।बसंत गाय केवल दूध के लिए नेपाली जाए उसके अन्य उत्पादों की भी कीमत मिले उनके उत्पाद बनें और उनकी मार्केटिंग हो। बाबा कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में आश्रय सदनों पर जितनी धनराशि खर्च हो रही है उसका एकांश भी यदि गोबर खरीद जैसी योजनाओं पर खर्च करना शुरू कर दिया जाए तो गांव संरक्षण की दिशा में सार्थक रहेगा। वह कहते हैं कि आश्रय सदनों में काय हो या कोई और उतनी हिफाजत से नहीं रह सकता जितनी फासत से एक पशुपालक पशुओं की देखभाल कर सकता है।
इस योजना के तहत विवाहित महिलाओं को सालाना 12 हजार की आर्थिक मदद

इस योजना के तहत विवाहित महिलाओं को सालाना 12 हजार की आर्थिक मदद

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से किसानों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाऐं जारी करती हैं। महतारी वंदना योजना के अंतर्गत किसान भाइयों को 12 हजार रुपये वार्षिक की सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के लिए पात्र महिलाएं आधिकारिक साइट पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। 

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के लोगों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसे महतारी वंदना योजना का नाम दिया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार विवाहित महिलाओं को प्रत्येक माह 1 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई है।  इस योजना का फायदा किसान भाइयों की पत्नियां भी प्राप्त कर सकती हैं। 

महतारी वंदना योजना के तहत विवाहित महिलाओं को आर्थिक मदद 

महतारी वंदना योजना के माध्यम से राज्य की विवाहित महिलाओं को प्रति महीने 1000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाऐगी। ये योजना महिलाओं को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने के लिए जारी की जा रही है। यह आशा की जा रही है, कि ये योजना महिलाओं के जीवन स्तर को शानदार बनाने में सहयोग करेगी।

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महतारी वंदना योजना से किसको लाभ मिलेगा

महतारी वंदना योजना का फायदा लेने के लिए महिला छत्तीसगढ़ राज्य की स्थायी मूल निवासी होनी चाहिए। इस योजना का फायदा सिर्फ विवाहित महिलाओं को ही प्रदान किया जाऐगा। महतारी वंदना योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाली महिला की 21 वर्ष आयु होनी चाहिए। योजना के अंतर्गत महिलाओं को वार्षिक 12 हजार रुपये प्रदान किए जाऐंगे। इस योजना के लिए आवेदन करने हेतु प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट mahtarivandan.cgstate.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, यदि अधिक जानकारी चाहिए तो आवेदक आधिकारिक साइट की भी मदद ले सकते हैं।

योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक अकाउंट पास बुक
  • आयु प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पहचान पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • मोबाइल नंबर

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महतारी वंदना योजना के लिए किस तरह आवेदन करें 

महतारी वंदना योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए महिलाओं को छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए महिलाओं को अपने समीपवर्ती जनपद पंचायत कार्यालय में जाना जरूरी है।